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अनूपपुर जिले में किसानों ने लगाए 58 हजार नाशपाती फल के पौध

अनूपपुर जिले में किसानों ने लगाए 58 हजार

नाशपाती फल के पौध

अनूपपुर /   प्रदेश व्यापी वृहद वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत अनूपपुर जिले में नाशपाती फल के पौधे लगाए गए हैं। अभी तक जिले में नर्मदा तट के किनारे के 23 ग्राम पंचायतों के 454 किसानों द्वारा 58 हजार नाशपाती फल के पौध रोपित किए गए हैं। जिले में नर्मदा सेवा यात्रा मिशन के तहत 792 किसानों का चयन नाशपाती फल पौध रोपण के लिए किया गया था। इन किसानों द्वारा 516 हेक्टे. में एक लाख 29 हजार नाशपाती फल पौध रोपण किया जाना है। कलेक्टर अजय शर्मा ने बताया है कि अमरकंटक बायोस्फियर जोन नाशपाती फल के व्यापारिक उत्पादन हेतु अनुकूल है । उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश मेरठ से 38 हजार पौध तथा मजीठा नर्सरी जबलपुर से 18 हजार पौध क्रय किए गए थे। शेष पौध उद्यानिकी विभाग की नर्सरियों में तैयार कराए गए। लक्ष्य के अनुसार नाशपाती पौध रोपण हेतु जिले की उद्यानिकी विभाग की पुष्पराजगढ़ एवं अमरकंटक नर्सरियों में नाशपाती पौध तैयार कराए गए हैं। नाशपाती पौध रोपण हेतु दिसम्बर-जनवरी की जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। इसलिए 51 हजार नाशपाती पौध रोपण का कार्य शीघ्र ही प्रारंभ किया जा रहा है। सहायक संचालक उद्यानिकी बी.डी. नायर ने बताया कि जो किसान अपने खेतों पर नाशपाती के पौधे लगायेंगे, उन्हें नियमानुसार अनुदान भी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि किसानों को मनरेगा योजना से नाशपाती पौध रोपण हेतु गड्ढा खोदने हेतु, सिंचाई व्यवस्था, रखरखाव, सुरक्षा आदि के लिए तीन वर्ष में 3 लाख 62 हजार रुपए प्रति हे. की दर से दिया जा रहा है। नाशपाती सेव की प्रजाति का फल है। अमरकंटक की जलवायु इसके पनपने के लिये बेहद अनुकूल है। जहां अन्य फलदार पौधों के बड़ा होने पर उनमें तेज ठंड के कारण पाला मार जाता है, वहीं नाशपाती के पौधे के जीवित रहने की दर सर्वाधिक है । रोपने के चार साल बाद इस पर फलन शुरू हो जाता है। पचास से साठ किलो तक फल एक पेड़ पर लगते हैं । उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के अनुसार नाशपाती फल की मांग मध्यप्रदेश के साथ साथ छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में काफी है। अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील में कई किसान इसका व्यापारिक स्तर पर उत्पादन कर भी रहे हैं। नाशपाती पौधरोपण हेतु नर्मदा तट से लगी जिन ग्राम पंचायतों में फल-पौधरोपण का लक्ष्य है उनमें बसंतपुर, बीजापुरीण, दमेहड़ी, देवरी, हर्रई, हर्राटोला, कछारटोला, कंचनपुर,करौंदाटेला, खजुरवार, खाल्हेदूधी, खाटी, खेतगांव, कोयलारी, लालपुर, मोंहदी, परसवाह, पुरंगा, पडरिया, इटौर, भीमकुंडी, अमरकंटक और ठाड़पाथर शामिल हैं।

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